ग़ज़ा में राहत की नकली तस्वीर? ट्रक आए, मदद नहीं! UN ने दी चेतावनी

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

ग़ज़ा में 11 हफ्तों की बर्बर नाकेबंदी के बाद भले ही 93 राहत ट्रक इसराइल के केरेम शलोम क्रॉसिंग से दाखिल हो गए हैं, लेकिन सच ये है कि अब तक एक दाना भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा है।

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संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने साफ कहा है कि उनकी टीमें घंटों इंतजार करती रहीं, लेकिन इसराइली प्रशासन ने उन्हें राहत सामग्री अपने गोदाम तक लाने की इजाजत तक नहीं दी।

राहत ट्रकों में क्या था?

इसराइली अधिकारियों के मुताबिक, इन ट्रकों में आटा, बच्चों का खाना और दवाइयां थीं। लेकिन जब ये सामग्री लोगों तक ही नहीं पहुंची, तो सवाल उठता है – क्या ये महज एक दिखावा था?

UN की चेतावनी: 14,000 बच्चे मर सकते हैं

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख टॉम फ्लेचर ने आगाह किया है कि अगर अगले 48 घंटों में ग़ज़ा में वास्तविक मदद नहीं पहुंचती, तो 14,000 बच्चों की जान जा सकती है।

“मैं अगले 48 घंटों में इन 14,000 बच्चों को बचाना चाहता हूं,” – टॉम फ्लेचर

दबाव में इसराइल, लेकिन ज़मीन पर हकीकत जस की तस

दुनियाभर के देशों – ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा – ने इसराइल पर ग़ज़ा में हमले रोकने और मदद पहुंचाने का दबाव बनाया है। इसी दबाव में इसराइल ने रविवार को कहा कि वह “बुनियादी मात्रा में खाना” भेजने को तैयार है।

लेकिन अभी तक न तो कोई खाना लोगों तक पहुंचा है, न दवाइयां, और न ही पीने का पानी।

जमीनी हकीकत: मदद सिर्फ ट्रकों में बंद

93 ट्रक आए
कोई वितरण नहीं
UN को एंट्री नहीं
14,000 बच्चों की जान जोखिम में

ग़ज़ा की स्थिति हर मिनट बद से बदतर हो रही है। जहां दुनिया एक तरफ मानवीय मदद भेजने की बात कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत है कि मदद सिर्फ आंकड़ों में सीमित रह गई है। अगर अगले 48 घंटे में बदलाव नहीं आया, तो दुनिया 14,000 मासूम मौतों की गवाह बन सकती है।

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